liveaapnews : बिहार में बाढ़ की स्थिति पिछले कुछ दिनों से चिंताजनक बनी हुई है. बिहार में गंगा और उसकी सहायक नदियों का जलस्तर अत्यधिक बढ़ने लगा है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बाढ़ प्रभावित जिलों के जिलाधिकारियों और एसपी को बचाव के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों को तैयार रहने का आदेश दिया है.
राज्य सिंचाई एवं मौसम कार्यालय के सूत्रों ने बताया है कि गंगा, कोसी, शोन, घाघरा, गंडक, बुरीगंड और बागमती नदियों में जलस्तर बढ़ने की संभावना है. कुछ नदियों में जलस्तर पहले ही खतरे के निशान से ऊपर पहुंच चुका है. हालांकि, राज्य सिंचाई विभाग ने कहा कि बांध अब तक अच्छी स्थिति में है।
हालांकि, राष्ट्रीय जल विभाग की जानकारी के मुताबिक, बुधवार को पटना के गांधी घाट पर गंगा नदी का पानी खतरे की रेखा से 24 सेमी ऊपर बह रहा था. गुरुवार को इसमें 11 सेमी की बढ़ोतरी हुई.
मुंगेर में गंगा खतरे के निशान से 52 सेमी नीचे थी लेकिन गुरुवार को 29 सेमी बढ़ गयी.
भागलपुर के गहलगांव के पास गंगा का जलस्तर पहले से ही खतरे के निशान से 59 सेमी ऊपर है.
वहीं शिवायन जिले में दारी नदी के बढ़ने की संभावना है. गोपालगंज जिले में घाघरा नदी का पानी बढ़ने की संभावना. सीतामढी जिले में बागमती का जलस्तर बुधवार की तुलना में बढ़ने की संभावना है. मधुबनी जिले के झांझपुर से ऊपर बहने वाली कमला बानन नदी भी खतरे के निशान से ऊपर है. लेकिन राज्य सिंचाई विभाग का कहना है कि बिहार में बांध सुरक्षित हैं। और इसी बात से पश्चिम बंगाल के कुछ जिले चिंतित हैं. क्योंकि बिहार में गंगा का पानी पश्चिम बंगाल के मानिकचक से होकर फरक्का मुर्शिदाबाद होते हुए बांग्लादेश के पद्मा में मिल जाता है. बिहार के पानी के कारण मालदा मुर्शिदाबाद में प्राकृतिक रूप से बाढ़ आने की संभावना है।
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